Vd. Bhavna Pandya

एसो. प्रोफेसर, संहिता एवं सिद्धांता विभाग,(SMIAS), गांधीनगर, गुजरात

शिर के बालों में एक बाल भी यदि सफेद दिख गया तो व्यक्ति परेशान सा हो जाता है – अरे, अब तो बुढापे की ओर यात्रा शुरु हो गई। जैसे जैसे उम्र बढती जाती है वैसे वैसे शरीर में जाने – अनजाने चुपके से उस बढती हुई उम्र अपना संकेत देने लगती है। परिवर्तन संसार का नियम है। यह एक बहुत ही स्वाभाविक प्रकृतिक घटना है और उसका उतने ही सहज रुप से स्वीकार किया जाना चाहिए। श्रीमद भगवद गीता में बहुत सुंदर कहा है – जातस्य हि ध्रुवो मृत्यध्रुवं जन्म मृतस्य च। तस्मादपरिहार्येऽर्थे न त्वं शोचितुमर्हसि।। जिसका…

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क्या आप अपना जीवन बिना आहार के सोच सकते हैं? बिलकुल भी नहीं, है ना!! प्रातः जागरण से लेकर रात को सोने के समय तक, पूरे दिन में हम कुछ न कुछ खाते-पीते रहते हैं। दुनिया में दो प्रकार के व्यक्ति देखने को मिलते हैं, एक वह जो जीने के लिए खाते हैं और दूसरे वह जो खाने के लिए ही जीते हैं। विश्व में malnutrition से होनेवाले रोगों से कई गुना ज्यादा रोग over eating से, और खान-पान के सही ना होने से होते हैं। आप कितना भी पौष्टिक आहार लें, पर अगर उस आहार का पाचन सही नहीं…

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