विश्वव्यापी कोरोना संक्रामक महामारी ने वर्तमान और भविष्य पर अनेक प्रर्श्नाचिन्ह बना दिये हैं। इस प्रकार का और इतना भयानक रोग भी आ सकता है और जिससे न विश्व की सारी अर्थव्यवस्था पर विपरित प्रभाव पड़ा है, अपितु जनजीवन भी अस्तव्यस्त हो गया है। अब आनेवाले निकट भविश्य में वह छलांगे लगाने वाली जीवनशैली नहीं मिलेगी। इस कोरोना के महाजाल से मुक्त होने में अभी समय लगेगा। शारीरिक पीड़ा से ज्यादा मानसिक पीड़ा ने सबकी उमंग रोक दी है। क्योंकि हम हमारे व्यापक परिवेश में निर्बाध् रूप से घुमपिफर नहीं रहे हैं। अतः सभी ने सामान्य पैफशन को भी लगभग…
Suresh Khandvekar
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