Prabha Jain

एक व्यक्ति एक ऊंचे पेड़ से उतर रहा था। नीचे एक फकीर बैठा देख रहा था। अति ऊंचाई से उतरते देख वह चुप रहा । जब ऊंचाई खतरनाक ना रही फकीर उसे सावधान – सावधान कहकर नसीहत देने लगा। नीचे उतरते उस व्यक्ति ने फकीर से कहा ’जब ऊंचाई खतरनाक थी तुम चुपचाप थे बस निहार रहे थे, और जब खतरा टल – सा गया है, तुम सावाधान होने को कह रहे हो।’ फकीर बोला ’ऊंचाई पर तुम खुद खतरा देख सावघान थे पर अब तुम खतरे से बेपरवाह हो, यही वास्तव में सावधान रहने की ,घड़ी है। अतः मैं…

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आंवला किसी भी रुप में थोड़ा सा आंवला हर रोंज खाते रहें, जीवनभर उच्च रक्तचाप और हार्ट फेल नहीं होगा। मेथी मेथीदाना पीसकर रख लें। एक चम्मच एक गिलास पानी में उबालकर नित्य पी लें। मीठा या नमक नहीं डाले। इससे आम (आंव) नहीं बनेगी, शुगर कंट्रोल में रहेगी और जोड़ो़ के दर्द नहीं होंगे और पेट भी ठीक रहेगा। नेत्र स्नान मुंह में पानी का कुल्ला भर कर नेत्र धोएँ। ऐसा दिन में तीन बार करें। जब भी पानी के पास जाएँ मुंह में पानी का कुल्ला भर लें, और नेत्रों पर पानी के छींटे मारें। मुंह का पानी…

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जीवन के रहस्यों को जानने के लिए प्राणों को पुष्ट किया जाता है। सवाल हो सकता है कि प्राण पुष्ट कैसे हो सकता है? प्राण को जानने के लिए यदि हम पहले उसके आधार को समझें तो ही हम आगे समझ सकते हैं। शरीर को चलाने के लिए उसमें रक्तसंचार सुचारू रुप से हो तब ही शरीर स्वस्थ रह सकता हैं। रक्तसंचार सही करने के लिए शरीर के सभी अंगों का व्यायाम जरुरी है। व्यायाम कोई भारी भरकम कसरत नहीं है। कसरत से शरीर मजबूत और कड़क हो  सकता है|लेकिन कसरत स्वस्थ व्यक्ति ही कर सकता है। लेकिन यौगिक क्रिया…

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