महावेद हेल्थ केयर प्रगति की ओर…
भारत का वैदिक साहित्य बहुत सूक्ष्म, विस्तृत और अथाह है। चारो वेदों ने अनेक दर्शनों व विज्ञानों को जन्म दिया है। आयुर्वेद भी उन्हीं में से एक बहुत प्रसि( विज्ञान है। लम्बे समय तक हमारी संस्कृति पर अनेक प्रहार होते रहे। कालांतर में अंग्रेजों के शासन में भी वैदिक साहित्य को निस्तेज करने का प्रयास किया गया। किन्तु हमारे )षि-मुनियों और कर्मठ वैद्यों ने आयुर्वेद शास्त्रा को जीवित रखा। देश में परम्परागत रूप से वैद्यकीय सेवा करने वाले हजारों सेवक हैं। जो जनजन की सेवायें निरंतर करते आ रहे हैं।
आयुर्वेद का र्ध्म जीवों मंे ‘आरोग्य’ स्थापित करना है। संसार में साध्य और असाध्य रोग होते हैं अर्थात् अल्पकालिन और दीर्घकालिन रोग। साध्य रोग- सर्दी, जुकाम, बुखार, गिरना-पड़ना…. इसके विपरीत जो समय पर रोग मुक्त नहीं हो पाये वे जटिलता में बदल जाते असाध्य हो जाते हैं। इनमें कुष्ठ, कैंसर, बवासीर, मोटापा, मधुमेह , घुटनों के दर्द, आदि अनेक रोग होते हैं।
वैद्यराज जगदीश अग्रवाल ने इन जटिल रोगों का अध्ययन, अध्यापन ही नहीं किया। उन्हें अपने वंशजों का भी इसका अनुभव व ज्ञान मिला। अतः वे 1948 से चल रहे अपने पारम्परिक व्यवसाय से रोग पीड़ितों की निरंतर सेवा कर रहे हैं। साथ-साथ इस क्षेत्रा में नये-नये प्रयोग भी कर रहे हैं।
गत् अनेक वर्षों से कुछ रोग निरंतर बढ़ते जा रहे हैं। अतः वैद्यराज जगदीश अग्रवाल ने 2002 में महावेद हेल्थकेयर के नाम से आयुर्वेद कार्यशाला आरम्भ की। वैद्यराज कहते हैं, ‘वस्तुतः सही जड़ी-बुटियों और उसका उचित प्रयोग आधुनिक मशीनों व तकनीकों से किया जाए तो उनके गुणर्ध्मों में वृद्धि होती है। इसी आधार पर अनेक औषधियां बनाते गये और उन्हें सपफलतायें मिलती गयी।
महावेद हेल्थकेयर की स्थापना हुए 18 वर्ष हुए, अब कम्पनी इस औद्यध्यिों का उत्पादन सपफलतापूर्वक कर रही है। इन पंजीकृत औषध्यिों में बच्चों, पुरुषों व महिलाओं के रोगों के अचूक निदान है। महावेद हेल्थ केयर से निर्मित औषध्यिों, रस, रसायन, गोलियां, केप्सुल, तेल आदि हैं।
वास्तव में स्वतंत्राता के बाद भी हमारी सरकारों ने आयुर्वेद को पर्याप्त महत्व नहीं दिया। जिसके कारण इसका उचित प्रचार-प्रसार नहीं हो पाया। अब लगता है उचित समय आया है। हमारी वैदिक व सांस्कृतिक, सम्पदाको उचित सम्मान व संवर्धन का अवसर मिलेगा।
वैद्यराज जगदीश अग्रवाल जी कहते हैं, ‘औषधी में गुणवत्ता, और प्रामाणिकता अवश्य होनी चाहिए। परिणामस्वरूप महावेद की औषध्यिों से रोगी लाभ उठा रहे हैं। कम्पनी की ओर्थोनिल, गोल्ड, मुसली, नाईटकिंग, शिलाजित गोल्ड, शीन, मुक्ति पफोर्ट, बी वेल, ब्रॉडी-ग्रोथ, जीवन अमृत केप्सुल आदि हैं। महावेद हेल्थ केयर के उत्पाद को डॉक्टरों, वैद्यों व पफार्मेसियों से मान्यता मिल रही है। खादी के माध्यम से भी कुछ औषध्यिां वितरित हो रही हैं। दवाईयों की दुकानों पर भी ये औषध्यिां उपलब्ध् है। जो लोग इस व्यवसाय सेवा से जुड़े हैं, वे सम्पर्क कर सकते हैं।
इस कोरोनाकाल में भी कम्पनी इस रोग से निपटने के लिए प्रयत्नशील है। उनकी रोग प्रतिरोध्क औषध्यिों को बाजार में अच्छे परिणाम मिले हैं। अध्कि जानकारी के लिए आप हमारे वेबसाईड www.mahaved.com पर जायें या [email protected] पर ईमेल करें।