प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने श्रीनगर स्थित शेर-ए-कश्मीर में वहां उपस्थित योग प्रेमियों के साथ मिलकर योगाभ्यास किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि योग एक विधा ही नहीं, विज्ञान भी है। कई रोगों के उपचार हेतु विश्व के कई देशों में योग से संबंधित रिसर्च पेपर प्रकाशित हो रहे हैं। योग श्रीनगर के लिए भी बहुत अधिक लाभदायक है और यहां के टूरिज्म को काफी बढ़ावा मिल सकता है।
“साल 2015 में मैंने तुर्कमेनिस्तान में योग सेंटर का उद्घाटन किया था। आज वहां योग बहुत प्रसिद्ध हो गया है। सऊदी अरब और मंगोलिया में कई योग स्कूल चलाए जा रहे हैं। जर्मनी में करीब डेढ़ करोड़ लोग योग प्रैक्टिशनर बन चुके हैं।“ इसी साल फ्रांस की 101 वर्षीय एक महिला योग टीचर को भारत में पद्मश्री दिया गया है, वह कभी भारत नहीं आईं पर अपना सारा जीवन योग की सेवा में अर्पित कर दिया। “
“आध्यात्मिक यात्रा की ओर प्रवृत्त लोग ध्यान करने के प्रति केंद्रित होते हैं। बहुत से लोग याददाश्त बढ़ाने के लिए योगशक्ति विकसित करते हैं। इसकी आदत उत्तम से उत्तम परिणाम देती है। ध्यान, व्यक्तिगत जीवन को केंद्रित करने के लिए बहुत लाभकारी है।“
“सेल्फ के लिए और सोसायटी के लिए योग का क्या महत्व है, योग जिंदगी की सहज प्रवृति कैसे बनें! जैसे सुबह उठकर ब्रश करना,हमेशा का क्रम बन जाता है, बाल सभागृह हमेशा का क्रम बन जाता है, उतनी ही सहजता से योग जीवन से जब जुड़ता है,तो यह सहज क्रिया बन जाता है, और प्रतिपल यह इसका लाभ देता है।
’’योग केवल एक विधा नहीं है, बल्कि एक विज्ञान भी है। आज सूचना क्रांति के इस दौर में हर ओर सूचना संसाधनों की बाढ़ है। ऐसे में, मानव मस्तिष्क के लिए एक विषय पर फोकस कर पाना एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है।“
– प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ज